Home Top Ad

Responsive Ads Here

जीवन में वेदों की उपयोगिता

Share:

जीवन में वेदों की उपयोगिता :

Importance of Vedas in our normal life.

         


                 वैदिक , सनातन , धर्मशास्त्र सम्मत स्वधर्मानुष्ठान ही सर्वेश्वर सर्वशक्तिमान भगवान की महती सपर्या अर्थात उनकी पूजा हैं।
जो मानव को कल्याण प्रदान करती हैं।

      


                  गीता में भगवान ने स्वयं कहा हैं-
                                
  "  स्वकर्मना तमभ्याचर्य सिद्धिम् विन्दति मानवः ।  "

इसलिए वेदादि समस्त शास्त्रों में नित्य और नैमित्तिक कर्मो को मानव के लिए परमधर्म और परम कर्तव्य कहा हैं।

      जो व्यक्ति श्रद्धा-भक्ति से जीवन पर्यंत प्रतिदिन यथाधिकार स्नान , संध्या , गायत्री-जप , देवपूजन , अध्ययन-अध्यापन , चिंतन आदि नित्यकर्म करता हैं , उसकी बुद्धि आत्मनिष्ठ हो जाती हैं ।



             कुछ नित्यकर्म तो ऐसे होते हैं , जिन्हें प्रत्येक व्यक्ति को रागपूर्वक नियमित-रूपसे करना ही पड़ता हैं ।

       जैसे-शौचादि कृत्य , स्नान , भोजन , अध्ययन , शयन आदि ।
 पर ये सारे  कर्म शास्त्रों और वेदानुसार ही होने चाहिए और इनके अनुसार होना अति आवश्यक हैं ।


We have prepared a New Kidaa blog for your interest in Science and technology.

Hi to read many more about this type of blog you can visit my another blog that I have named as HELP JEE NOW.

No comments